बिरला ने यह उल्लेख किया कि किसी देश का भविष्य उसकी संसद द्वारा ही तय होता है। उन्होंने आगे कहा कि संसदें बदलती वैश्विक प्रणाली के साथ तालमेल बिठाते हुए और साथ ही इसकी अमूल्य परंपराएं अक्षुण्ण रखा जाना सुनिश्चित करते हुए देशों के बेहतर भविष्य के लिए नीतियां बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
ओटावा (कनाडा)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ओटावा में राष्ट्रटमंडल देशों के अध्यक्षों और पीठसीन अधिकारियों के 25वें सम्मेलन (सीएसपीओसी) में 'समावेशी संसद: संसद की बदलती भूमिका और आवश्यकताओं के अनुरूप पद्धतियों और प्रक्रियाओं के विकास में सहायक के रूप में अध्यक्ष की भूमिका' विषय पर आयोजित विशेष पूर्ण सत्र में राष्ट्रंमंडल देशों की संसदों के अध्यक्षों और पीठसीन अधिकारियों को संबोधित किया। बिरला ने आगे उल्लेख किया कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए जन प्रतिनिधियों के क्षमता निर्माण के प्रयास जरूरी है। इस दिशा में सभा के समक्ष लाए गए विधायी मुद्दों के बारे में सदस्यों की जागरूकता को बढ़ावा देने और इस प्रकार सार्थक चर्चा और वाद - विवाद सुनिश्चित करने के उद्देश्य से हाल ही में सभा के समक्ष आने वाले महत्वपूर्ण विधायी कार्यों के बारे में संक्षिप्त जानकारी देने की परंपरा शुरू की गई है।